Permanent Capacitor Motor डीयर इलेक्ट्रीशियन इस आर्टिकल में आप जान पाएंगे Permanent Capacitor Motor क्या होती है, Permanent Capacitor Motor का उपयोग कहाँ किया जाता है और Permanent Capacitor Motor का Connection Diagram कैसा बनता है | मै सोनू कुमार कछावा स्वागत करता हूँ आपका SK Article में …. आइये जानते है Permanent Capacitor Motor के बारे विस्तार से ….
Capacitor Induction Motor संधारित्र प्रेरण मोटर
पिछले आर्टिकल में हमने पढ़ा था की Single Phase Motor को सेल्फ स्टार्ट बनाने के लिए एक फेज को दो भागो में विभाजित कर घुमावदार चुम्बकीय क्षेत्र की आवश्यता होती है जिसके लिए Single Phase Motor को कई प्रकारों में विभाजित किया जाता है जिसमे से एक प्रकार हे capacitor Induction Motor |
capacitor Induction Motor के तीन प्रकार होते है –
1. Permanent Capacitor Motor- स्थायी संधारित्र मोटर
2. Capacitor Start Motor- संधारित्र प्रारंभ मोटर
3. capacitor Start Capacitor Run Motor – संधारित्र प्रारम्भ संधारित्र रन मोटर
Permanent Capacitor Motor स्थायी संधारित्र मोटर
यह मोटर सिंगल फेज मोटरों में सबसे ज्यादा प्रचलित मोटर हे इस मोटर में मुख्य रूप दो भाग होते है पहला भाग जिसे रोटर कहते है जो की एक शोर्ट सर्किट रोटर होता है तथा मोटर का घुमने वाला भाग होता है | तथा इस मोटर का दूसरा भाग स्टेटर होता है जैसा की आप जानते ही हे की यह मोटर का स्थिर भाग होता है तथा इस स्टेटर में दो वाइंडिंग की जाती है . जिन्हें स्टार्टिंग तथा रनिंग वाइंडिंग के नाम से जाना जाता है | मोटर की स्टार्टिंग वाइंडिंग पतले तार तथा अधिक टर्नो की बनायीं जाती है जिससे इस वाइंडिंग का प्रतिरोध अधिक होता है | तथा इसकी दूसरी वाइंडिंग रनिंग होती है जो की मोटे तार व कम टर्नो की बनायीं जाती है जिससे इसका प्रतिरोध कम होता है | इस मोटर में एक फेज को दो भागो में विभाजित करने के लिए एक एलेक्ट्रोल्य्टिक प्रकार का capacitor उपयोग किया जाता है जिसकी रेटिंग 1.5 माइक्रो फैरड से 10 माइक्रो फैरड तक होती है |
Uses of Permanent Capacitor Motor
इस मोटर का स्टार्टिंग टार्क कम होने के कारण इसका उपयोग घरेलु वाटर पंप , छत पंखा तथा टेबल पंखा जैसे कार्यो में किया जाता है |
Single Phase Permanent Capacitor Motor Circuit Diagram
इस मोटर का कनेक्शन करने के लिए सबसे पहले एक स्टार्टिंग वाइंडिंग का सिरा तथा एक रनिंग वाइंडिंग के सिरे को आपस में जॉइंट कर देते है तथा इन्हें सप्लाई के न्यूट्रल तार के साथ जोड़ दिया जाता है |
अब बचे हुए स्टार्टिंग वाइंडिंग तथा रनिंग वाइंडिंग के सिरों के मध्य एक capacitor को जोड़ देते है तथा capacitor के किसी एक सिरे के साथ सप्लाई का फेज तार जोड़ दिया जाता है |
यदि इस मोटर के घुमने की दिशा हम बदलना चाहे तो capacitor के जिस सिरे से फेज तार को जोड़ा है वहां से फेज तार हटाकर दुसरे capacitor के दुसरे सिरे पर जोड़ देते है |
इस आर्टिकल में बस इतना ही …. उम्मीद करता हूँ यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा यदि यह जानाकरी आपको पसंद आती है तो कृपया निचे दिए गये शेयर बटन का उपयोग कर अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे | और इस आर्टिकल से जुडी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे |