प्रतिरोध के नियम कौन – कौन से हे
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टेलीग्राम चैनल ज्वॉइन करें( 2 ) R ∝ 1/a = चालक के क्षेत्रफल पर
किसी भी चालक तार या पदार्थ का कटाक्ष क्षेत्रफल बढाया जाये या कहे की चालक तार की मोटाई अधिक की जाये तो उस चालक का प्रतिरोध कम हो जाता है |
चालक तार की मोटाई अधिक करने से प्रतिरोध कम होता हे तथा मोटाई कम करने से प्रतिरोध अधिक होता है |
( 3 ) चालक की किस्म पर
R = 𝝆 x l / a
R = चालक तार का प्रतिरोध , ओह्म में
𝝆 = प्रतिरोधकता , ओह्म सेमी में
l = प्रतिरोध की लम्बाई , सेमी में
a = प्रतिरोध का कटाक्ष क्षेत्रफल , वर्ग सेमी में
अलग अलग धातु के चालक तार का प्रतिरोध अलग अलग होता है | जैसे की लोहे की 1 फिट लम्बी तथा 1 mm मोटाई वाले तार का प्रतिरोध यदि 2 ओह्म हे तो वही ताम्बे के इसी साइज़ के तार का प्रतिरोध 1 ओह्म या इससे कम हो सकता है |
( 4 ) R ∝ t = चालक के तापमान पर
जैसे जैसे किसी चालक का तापमान अधिक होता जाता है ,वैसे वैसे उस चालक का प्रतिरोध भी बढ़ता जाता है |
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तो दोस्तों ये थे प्रतिरोध के कुछ नियम जिनका पालन कर हम किसी भी विद्युत परिपथ को सही तरीके से उपयोग में ले सकते हे |
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