डीसी मोटर के बारे में तो आप जानते ही है | यदि नही जानते तो इस से पहले वाले आर्टिकल में हम डीसी मोटर के बारे में पढ़ चुके है | इस आर्टिकल में हम डीसी मोटर के स्टार्टर के बारे में पढने वाले है | यदि आप भी विस्तार से जानना चाहते है की DC Motor Starter क्या है और इनका उपयोग क्यों किया जाता है तथा DC Motor Starter कितने प्रकार के होते है | तो यह आर्टिकल आपको पूरा पढना चाहिए |
डीसी मोटर स्टार्टर क्या है | DC Motor Starter In Hindi
स्टार्टर का उपयोग मोटर को चालु और बंद करने के लिए किया जाता है, यह मोटर की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन है, इसे एक मोटर कंट्रोलर भी कह सकते है, मोटर के आर्मेचर को विद्युत सप्लाई से जोड़ने और अधिक विद्युत धारा को नियंत्रित करने करने का काम करता है |
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डीसी मोटर में स्टार्टर की आवश्यकता क्यों होती है
जब हम मोटर को चालु करते तब उसका स्टार्टिंग करंट बहुत ज्यादा होती है | इस करंट को सीधे मोटर को दि जाएं तो मोटर का अर्मेचर जल जायेगा क्युकी आर्मेचर का प्रतिरोध बहुत कम होता है, और मोटर की गति रहित अवस्था में Back EMF का मान शून्य रहता है| इसलिए आर्मेचर की करंट के मान को कम रखने और मोटर की safety के लिए स्टार्टर की आवश्यकता होती है|
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डी सी मोटर स्टार्टर कितने प्रकार के होते है | Types of DC Motor starters
डीसी मोटर के स्टार्टर मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है –
- 1) दो- पॉइंट स्टार्टर | Two Point Starter
- 2) तीन- पॉइंट स्टार्टर | Three Point Starter
- 3) चार- पॉइंट स्टार्टर | Four Point Starter
1 . दो बिंदु स्टार्टर | Two Point Starter
यह स्टार्टर केवल सीरीज मोटर को चला सकता है| इसमें उच्च प्रतिरोध वाले प्रतिरोधकों का उपयोग किया जाता है | यह प्रतिरोध पीतल के स्टड पर लगे होते है|
इस स्टार्टर में दो प्रकार की क्वायल होती है, एक नो- वोल्ट क्वायल (N. V. C. ) इसको होल्डिंग क्वायल भी कहते है, और दूसरी ओवर लोड क्वायल (O.L.C.) |
जब हम मोटर को चालु करते है तो ओवर लोड क्वायल सप्लाई के साथ जुड़ जाती है | स्टार्टर के हैंडल को धीरे-धीरे स्टड के उपर चलाते है और मोटर स्टार्ट हो जाती है |
स्टार्टर में यह प्रतिरोध इसलिए जोड़े जाते है क्युकी स्टार्टिंग के समय मोटर में बेक emf का मान शून्य होता जिसके कारण इस सीरीज मोटर में स्टार्टिंग करंट का मान उच्च होता है जिससे मोटर के आर्मेचर और फील्ड वाइंडिंग दोनों के जलने का खतरा रहता है |
नो-वोल्ट क्वायल होल्डिंग क्वायल होती है जो हैंडल को ऑन अवस्था में रोक कर रखती है | जैसे ही सप्लाई के साथ मोटर चालु होती है N. V. C. मै चुम्बकत्व बन जाता है और यह हैंडल को अपनी ओर चिपका लेती है और जैसे ही सप्लाई बंद होती तब NVC का चुम्बकत्व शून्य हो जाता है और हैंडल अपनी ऑफ स्थिति में आ जाता हैं | और दोबारा मोटर स्वयं चालू नही होती हैं |
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2 . तीन बिंदु स्टार्टर | Three Point Starter
इस स्टार्टर में 3 पॉइंट होते है , इन टर्मिनल्स को प्लेट पर लगाया जाता हैं | इसमें L तर्मिनल पर सप्लाई की पॉजिटिव तार जोड़ी जाती है, A टर्मिनल पर आर्मेचर की तार जोड़ते है, F टर्मिनल पर शंट फील्ड की तार जोड़ते है, इसलिए इस स्टार्टर को तीन पॉइंट स्टार्टर कहा जाता है|
इसमें N. V. C. और O. L. C. नाम की 2 coil को भी लगाई जाती है, NVC क्वायल हैंडल को पकड़ कर रखने का काम करती है और OLC क्वायल कांटैक्ट को आपस मे जोड़ने का काम करती है|
इसमें एक सुरक्षा युक्ति भी लगाई जाती है जिसे ओवर लोड coil रिले (O.L.C.) इसका प्रयोग अधिक धारा मान पर जब मोटर उत्तेजित होती है तो यह कांटेक्ट को शॉर्ट- सर्किट कर देती है तब यह रिले मोटर को बंद कर देती है |
इस स्टार्टर का प्रयोग डी सी शंट ओर कंपाउंड मोटर को चलाने के लिए किया जाता है | इसमें लगे प्रतिरोध को एक शीट पर लगाया जाता है जोकि पूर्ण रूप से सुरक्षित होती है जो एसबेस्ट्स या बेकेलाइट की बनी होती है |
इसमे सप्लाई देते है तब हैंडल को स्टड-1 पर लाने से मोटर चालु हो जाती है धीरे- धीरे स्टार्टिंग प्रतिरोध का मान कम होता हैं घटते हुए प्रतिरोध के कारण आर्मेचर की गति को बड़ाया जाता |
जिससे आर्मेचर पूरी तरह से गति प्राप्त कर लेता है आर्मेचर के गति प्राप्त करने के बाद स्टार्टिंग प्रतिरोध को परिपथ से पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है और मोटर चालु हो जाती है जैसे ही सप्लाई बंद होती है तब NVC क्वायल अचुम्बकीय हो जाती है और मोटर का हैंडल ऑफ स्थिति में आ जाता है |
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3 . चार बिंदु स्टार्टर | Four Point Starter
इस स्टार्टर का प्रयोग दो प्रकार की मोटर को चलाने में किया जाता है , एक शंट ओर दूसरी कंपाउंड मोटर | इस स्टार्टर की बनावट तीन- पॉइंट स्टार्टर के समान ही होती है, अंतर सिर्फ इतना है कि इसमें NVC क्वायल के साथ एक सुरक्षा प्रतिरोध को सीरीज में सीधे विद्युत सप्लाई के साथ जोड़ा जाता हैं |
तब स्टार्टिंग प्रतिरोध के मान को बदल सकते है ओर रेग्युलेटर -प्रतिरोध का NVC पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा | अगर किसी कारण NVC मे चुम्बकत्व कि शक्ति कमजोर हों जाती है वह हैंडल को छोड़ देती है यह तब होता है जब स्टार्टर के साथ स्पीड के लिए फील्ड कंट्रोल विधि का प्रयोग जाता है, और NVC में बहुत है शक्ति शाली चुंबक बन जाता हैं|
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डीसी मोटर स्टार्टर के भागो के नाम | DC Motor Starter Parts Name
- 1. वेरिएबल रजिस्टेंस ( Variable Resistance )
- 2. हैंडल ( Handle )
- 3. स्प्रिंग ( Spring )
- 4. नो- वोल्ट क्वायल ( NVC )
- 5.ओवर लोड क्वायल ( OLC )
1. परिवर्तित प्रतिरोध | Variable Resistance
यह एक मिश्र धातु युरेका से बनाया जाता है इसकी लंबाई को ज्यादा रखा जाता है, क्युकी ज्यादा लंबाई के कारण इसमें प्रतिरोध भी ज्यादा उत्पन्न होगा, ओर करंट बहुत ही कम हो जायेगा, यह बहुत कम हिट उत्पन्न करता है | इसको स्टड द्वारा जोड़ा जाता हैं|
2. हैंडल|Handle
हैंडल इसका काम स्टार्टर को ऑन और ऑफ़ करना है हैंडल को धातु से बनाया जाता है इसके एक सिरे पर इंसुलेटर लगा दिया जाता है और नीचे के हिस्से carbon brush या कॉपर ke brush लगे होते है in ब्रश को स्टड के ऊपर धीरे- धीरे आगे बढ़ाते है तब हैंडल और रजिस्टेंस के बिच संपर्क बन जाता है |
और हैंडल पर एक पत्ती होती है जो इंसुलेटेड होती है हैंडल के NVC क्वायल के संपर्क मे आते ही NVC क्वायल मे चुम्बक उत्पन्न हो जाता और हैंडल ऑन पोजिशन में आ जाता हैं और NVC मे चुम्बक खत्म होने पर हैंडल ऑफ़ पोजिशन मे आ जाता है |
3. स्प्रिंग | Spring
स्प्रिंग स्टार्टर के हैंडल पर लगा होता है इसका कार्य विद्युत सप्लाई के बंद होने पर इसका दबाव NVC क्वायल पर खत्म हो जाता है तथा NVC क्वायल के अचुंबकीय होने पर हैंडल को छोड़ देता है और हैंडल तुरंत ऑफ स्थिति में आ जाता हैं |
4. नो- वोल्ट क्वायल | NVC
यह एक नर्म लोहे का टुकडा होता हैं इसके ऊपर तांबे के पतले तार से अधिक टर्न देकर वाइंडिंग की जाती हैं ऐसी वाइंडिंग जिसमे आसानी से धारा प्रवाहित होने लगे इस क्वायल का एक सिरा फील्ड और दूसरा सिरा रजिस्टेंस के पहले सिरे से जोड़ देते है|
NVC क्वायल के दो काम है एक हैंडल को अपनी और खिच कर पकड़ कर रखना और दूसरा काम है कि जब विद्युत सप्लाई बंद हो जाएं तब अचुम्बकीय होकर हैंडल को छोड़ देना (ऑफ़ हो जाना)
5. ओवर लोड क्वायल | OLC
यह क्वायल मोटी तार की होती है ओर मोटी तार कम टर्न देकर वाइंडिंग करी जाती है | इसको हैंडल और सप्लाई के सीरीज में जोड़ते है |
इसका काम है की कभी किसी कारण से करंट सर्किट मे ज्यादा बहने लगे तब यह क्वायल पूरी तरह चुंबक बन जाती है और हैंडल को अपनी तरफ खिचती है जो NVC क्वायल को शॉर्ट (ब्रेक) कर देती हैं अर्थात पूरे परिपथ को तोड़ देती है स्टार्टर को खराब नहीं होने देती यह पूरे परिपथ की सुरक्षा करती है |
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डीसी मोटर के स्टार्टर का उपयोग | Uses Of DC Motor Starter
डीसी को स्टार्ट करने के लिए हमें स्टार्टर का उपयोग करना होता है | अलग – अलग प्रकार की मोटर को स्टार्ट करने के लिए स्टार्टर भी अलग – अलग उपयोग किया जाता है | तो कौन से स्टार्टर का उपयोग किस मोटर को चलाने के लिए किया जाता है इसके लिए निचे बताई टेबल देखें –
स्टार्टर | मोटर में उपयोग |
Two Point Starter | DC Series Motor |
Three Point Starter | DC Shunt , DC Compound Motor |
Four Point Starter | DC Shunt , Compound , Long Shunt Compound , Short Shunt Compound etc. |
Final Word – तो इस आर्टिकल DC Motor Starters क्या है | और कितने प्रकार के होते है ? में आपने डीसी मोटर के सभी स्टार्टर के बारे में जाना | उम्मीद करते है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी | कृपया इस जानकारी को अपने साथियों के साथ भी शेयर करें और हमारे अगले आर्टिकल की अपडेट पाने के लिए हमसे टेलीग्राम पर जुड़े |
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