वैद्युतिक उपकरणों , मशीनों तथा सामग्रियों में चालक , कुचालक / अचालक तथा अर्ध्दचालक ( conductor , Insulator and Semi conductor )पदार्थों का उपयोग अति महत्वपूर्ण हे | प्रत्येक पदार्थ वैद्युतिक कार्यों में अपनी एक भूमिका निभाता है इन पदार्थों के बिना विद्युत का उत्पादन एवं उपयोग असंभव हे |
यदि आप जानना चाहते हे की वैद्युतिक पदार्थ चालक , कुचालक एवं अर्ध्दचालक किसे कहते हे , कौन से पदार्थ का उपयोग कहाँ किया जाता है तथा यह पदार्थ कौन – कौन से हे तो यह आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण हे | तो आइये जानकारी लेते हे conductor , Insulator and Semi conductor के बारे में –
चालक पदार्थ किसे कहते है | conductor in hindi
वह पदार्थ जिनमे विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से हो जाता है चालक पदार्थ कहलाता है | चालक पदार्थ में फ्री इलेक्ट्रान की अधिकता पायी जाती हे इस कारण से इन पदार्थों में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है | अधिकांश धातुएं चालक होती है | और सभी धातुओं की चालकता अलग – अलग होती है |
जैसे – सोना , चांदी , तांबा , एल्युमिनियम , पीतल , निकल , जस्ता , टंगस्टन , सीसा , टिन , यूरेका , लेड ,नाइक्रोम , पारा आदि |
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चालक पदार्थों के प्रकार | Types of conductor in hindi
चालक पदार्थ मुख्य रूप से तीन प्रकार में होते है जिनका उपयोग अलग – अलग कार्यों में किया जाता है |
👉 1. ठोस चालक ( Solid conductor ) – सोना , चांदी , एल्युमिनियम , कॉपर , लेड , टंगस्टन ,नाइक्रोम आदि |
👉 2. द्रव चालक ( liquid conductor ) – गंधक का अम्ल , पारा आदि |
👉 3. गैस चालक ( Gas conductor ) – आर्गन गैस , मरकरी गैस , नियोन गैस आदि |
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चालक पदार्थों के उपयोग | Uses of conductor in hindi
वैद्युतिक कार्यों में चालक पदार्थों के निम्न लिखित उपयोग हे
वायर एवं केबल के निर्माण में , अर्थ वायर के रूप में , बैटरी की प्लेट्स बनाने में , बैटरी के टर्मिनल बनाने में , विद्युत बल्बों के फिलामेंट बनाने में , फ्यूज तार बनाने में आदि |
क्र. | चालक (CONDUCTOR ) | उपयोग |
01 | कॉपर (Copper) | वायरिंग वायर, वाइंडिंग वायर आदि| |
02 | चाँदी (Silver) | रिले, कॉंटैक्टर्स, स्टार्टर्स प्वॉइन्ट बनाने में| |
03 | सोना (Gold) | प्रयोग में नही लिया जाता है| |
04 | एल्युमिनियम ( Aluminium ) | ट॒यूब चोक, मोटर, ट्रांसफॉर्मर की वाइंडिंग में किया जाता है| |
05 | टंगस्टन (Tungsten) | लैम्पों, ट॒यूबलाइटों के फिलामेंट में प्रयोग किया जाता है| |
06 | जस्ता (Zinc) | शुष्क सैलों के कन्टेनर बनाने में| |
07 | पीतल (Brass) | टर्मिनलों, स्विच, होल्डर के स्क्रू , नट, बोल्ट आदि| |
08 | निकिल (Nickel) | सैलों की प्लेटें बनाने में| |
09 | लोहा (Iron) | मशीनों की बॉडी, कवर, शाफ्ट, टेलीफोन तारों, अर्थ तारों, लैमीनेशन्स आदि| |
10 | टिन (Tin) | फ्यूज तार, सोल्डर, ताम्बे की तारों आदि| |
11 | सीसा (Lead) | फ्यूज तार, सोल्डर बनाने में| |
12 | मैंगनीन (Mangnin) | प्रतिरोधक बनाने में | |
13 | यूरेका (Eureka) | प्रतिरोधक, रैगुलेटर आदि| |
14 | प्लेटिनम (Platinum) | संयोजक बिंदु (contact points) बनाने में| |
15 | पारा (Mercury) | थर्मामीटर्स में, मर्करीवेपर लैम्प, मर्करी स्विच, डी. सी. फ्रेंटी टाइप, एम्पीयर आवर मीटरो में| |
16 | नाइक्रोम (Nichrome) | विघुत प्रेस, केटली, टोस्टर , हिटिंग एलिमेन्ट आदि| |
17 | कार्बन (Carbon) | प्रतिरोधक, डी. सी. मशीनों के ब्रुश बनाने में| |
18 | जी. आई. (G. I. ) | टेलीफोन तार, शिरोपरि लाईनों, गार्ड तार, स्टेवायर व अर्थवायर में| |
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अचालक पदार्थ किसे कहते हे | Insulator in hindi
वे पदार्थ जिनमे से विद्युत धारा प्रवाहित नही हो सकती कुचालक या अचालक पदार्थ कहलाते हे |अचालक पदार्थों में फ्री इलेक्ट्रान नही होते हे इसी कारण से इन पदार्थों में विद्युत धारा प्रवाहित नही हो सकती है | सभी अचालक पदार्थ अधात्विक होते हे और सभी अचालक पदार्थों की डाईएलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ अलग अलग होती है |
जैसे – PVC , बैकेलाइट , रबर ,माइका , एबोनाइट , शुष्क हवा , पोर्सिलेन , एस्बेस्टस , कागज , लकड़ी , कांच , मोबिल आयल आदि |
अचालक पदार्थों के प्रकार | types of Insulator in hindi
अचालक पदार्थ तीन प्रकार के होंगे
👉 1.ठोस अचालक ( solid insulator in hindi ) – पोर्सिलेन , एबोनाइट , माइका , बैकेलाइट , कांच , फाइबर , सुखी लकड़ी आदि |
👉 2. लचीले अचालक ( flexible Insulators in hindi ) – रबर , कागज , लेदराइड पेपर , pvc , अम्पायर क्लॉथ , स्लीव , pvc एवं कॉटन टेप आदि |
👉 3. गैस अचालक ( Gas insulator in hindi ) – शुष्क हवा , हाइड्रोजन , नाइट्रोजन आदि |
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अचालक पदार्थों के उपयोग | Use of insulator in hindi
अचालक पदार्थो के निम्नलिखित उपयोग हे
चालक तारों का आवरण बनाने में , स्विच होल्डर तथा सॉकेट जैसी सामग्री का आवरण बनाने में , पैनल एवं सप्लाई बोर्ड बनाने में , रबर की चटाई बनाने में , वैद्युतिक कार्य हेतु हाथों के दस्ताने बनाने में , अचालक टेप बनाने में आदि |
क्र. | कुचालक (INSULATORS) | उपयोग |
---|---|---|
01 | बेकेलाइट (Bakelite) | स्विच, सॉकेट, होल्डर का आवरण बनाने में| |
02 | वल्केनाइज्ड रबर (Vulcanised Rubber) | तारों एवं केबिल्स में अचालक आवरण बनाने में| |
03 | एबोनाइट (Abonite) | बेटरियों के कन्टेनर, टर्मिनल प्लेट, पैनल बोर्ड, यंत्रों के कवर अदि बनाने में| |
04 | अभ्रक (Mica) | विघुत प्रेसों, कम्युटेटर सेगमेन्ट के मध्य, कंडेंसरों, हिटिंग एलिमेन्ट आदि| |
05 | माइकानाइट (Micanite) | आर्मेचर वाइंडिंग में किया जाता है| |
06 | लेदराइड पेपर (Leatheroid Paper) | मोटर वाइंडिंग में स्लाट इंसुलेट में किया जाता है| |
07 | रेजिन (Resin) | बैकेलाइट आदि बनाने में| |
08 | खनिज तेल (Mineral Oil) | ट्रांसफार्मर, स्टार्टर, कैपेसिटर, आदि में| |
09 | पोर्सिलेन (Porcelain) | ओवर हैड लाइनों, पिन, शैकल, डिस्क इन्सुलेटर, किटकेट फ्यूज, स्विचों, हिटिंग एलिमेंट आदि| |
10 | क्राउन काँच (Glass) | बल्ब, मर्करी आर्क लैम्प फ्लोरोसेंट ट॒यूब आदि में| |
11 | साधारण काँच (Glass) | – |
12 | एस्बेस्टस (Asbestos) | विघुत प्रेस, हीटर आदि में| |
13 | मार्बल (Marble) | इमरसन हिटिंग एलिमेन्ट में किया जाता है| |
14 | वार्निश(शैलेक) (Shallac) | कागज, कपड़ा, लकड़ी, वाइंडिन्ग्स आदि| |
15 | कागज (Paper) | पेपर कैपेसिटर्स, लेदरायड- पेपर, प्रैसफान – पेपर आदि| |
16 | स्लेट (Slate) | तेल में डुबोकर, वार्निश की परत चढ़ाकर स्विच बोर्ड, पैनलबोर्ड आदि| |
17 | सुखी लकड़ी (Dry Wood) | स्विच बोर्ड, राउंड ब्लाक, बैटन आदि| |
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अर्द्ध चालक पदार्थ किसे कहते है | semi conductor in hindi
वे पदार्थ जिनमे सामान्य तापमान पर तो विद्युत धारा का प्रवाह नही होता किन्तु तापमान बढ़ाने पर उनमे विद्युत धारा का प्रवाह होना शुरू हो जाता है अर्द्ध चालक कहलाते है |
इन पदार्थों की अंतिम कक्षा में 4 इलेक्ट्रान होते हे तथा इन पदार्थों की चालकता का स्तर , चालक एवं अचालक के बिच का होता है |
जैसे – जर्मेनियम , सिलिकॉन , कार्बन आदि |
अर्द्ध चालक पदार्थ के उपयोग | use of semi conductor
अर्द्ध चालकों का उपयोग अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है |
जैसे – डायोड , ट्रांजिस्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जे बनाने में आदि |
क्र. | अर्द्धचालक (SEMI – CONDUCTOR ) | उपयोग |
01 | यूरेका (UREKA) | प्रतिरोध बॉक्स, थर्मोकपल, स्टार्टरों के प्रतिरोध, रेग्यूलेटरों आदि में| |
02 | जर्मन सिल्वर (German Silver) | प्रतिरोध तार, वाल्व बनाने में| |
03 | मैंगनिज (MANAGANIN) | प्रतिरोधकों व महंगे यंत्रों में प्रयोग किया जाता है| |
04 | नाइक्रोम (NICHROME) | विघुत भटि॒टयों, हीटर, प्रेस, गीजर, टोस्तर, विघुत केतली के हिटिंग एलिमेन्ट बनाने में| |
05 | कार्बन | इलेक्ट्रॉनिक उघोगों में, जेनेरेटर डी. सी. मोटर के कार्बन ब्रुश लगाये जाते है| |
06 | प्लेटिनम (PLATINUM) | थर्मामीटर, थर्मोकप्पल, पायरोमीटर में उपयोग किया जाता है| |
07 | टंगस्टन (TUNGUSTEN) | बल्बों के फिलामेंटों, बल्ब इलेक्ट्रोड, स्थाई चुम्बक, कान्टेक्टर के कान्टेक्ट॒स बिंदु बनाने में| |
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तो फ्रेंड्स इस आर्टिकल में हमने पढ़ा चालक , कुचालक तथा अर्ध्दचालक पदार्थ किसे कहते है Conductor , Insulator and Semiconductor In Hindi | यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आता है तो कृपया अपने साथियों के साथ निचे दिए गये शेयर बटन का उपयोग कर जरुर शेयर करे और इसी तरह आर्टिकल अपने फेसबुक पर पाने के लिए कृपया हमारा फेसबुक पेज लाइक करे |