ट्रांसफार्मर सरंचना , उपयोग एवं आवश्यकता के अनुसार अलग – अलग प्रकार के बनाये जाते है | इस आर्टिकल Current Transformer and Potential Transformer in Hindi में हम आपको करंट और पोटेंशियल ट्रांसफार्मर के बारे में बताने वाले है | यदि आप जानना चाहते है की करंट ट्रांसफार्मर एवं पोटेंशियल ट्रांसफार्मर क्या है एवं इनका उपयोग कहाँ किया जाता है तो यह आर्टिकल आप पूरा पढ़े |
नमस्कार और स्वागत है आपका एस.के. आर्टिकल डॉट कॉम में ….
Current Transformer in Hindi
करंट ट्रांसफार्मर को शोर्ट में CT कहा जाता है | जैसा की इसके नाम से पता चलता है की यह Transformer केवल धारा के मान में परिवर्तन के लिए उपयोग किया जाता है | Power Generation , Distribution तथा उद्योगों में ज्यादा मात्रा की विद्युत् धारा को मापने के लिए यह Transformer महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
इस Transformer की सहायता से किसी भी AC Supply की 100 से 200 Ampere की Current को मात्र 1 से 2 Ampere में आसानी से बदला जा सकता है |
यह Transformer एक गोल रिंग की तरह होता है जिसमें से दो सिरे निकले होते है | इन सिरों के साथ एक Ampere Meter को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है |
जब इस रिंग में ( Current Transformer में ) किस उच्च मान की विद्युत् धारा प्रवाहित हो रही Cable को गुजारा जाता है तो यह रिंग उस केबल की 100 – 200 Ampere मान वाली विद्युत् धारा को 1 से 2 Ampere मान की विद्युत् धारा में परिवर्तित कर देता है |
नोट :- कभी भी करंट ट्रांसफार्मर Open Circuit स्थिति में नही होना चाहिए यदि Transformer के सिरे ओपन सर्किट होंगे तो यह CT ब्लास्ट हो जाती है | इसलिए हमेसा इस Transformer के साथ Ampere Meter जुडा होना चाहिए |
Current Transformer अलग – अलग Ratio में बनाये जाते है जैसे 25/5, 25/1, 100/5 ,100/1 , 500/5, 1000/5 आदि |
मान लीजिये किसी CT पर Ratio लिखा है 100/5 तो इसका मतलब होगा की जब किसी वायर में 100 एम्पियर करंट प्रवाहित हो रही होगी तब यह CT 100 Ampere Current को 5 Ampere में बदल देती है | जिसे इसके साथ जुड़े हुए अमीटर द्वारा मापन कर लिया जाता है |
Current Transformer का उपयोग उच्च विद्युत् धारा मापने वाले अमीटर तथा क्लिप ऑन टेस्टर ( Clamp meter ) में किया जाता है |
Potential Transformer in Hindi
पोटेंशियल ट्रांसफार्मर को PT के नाम से जाना जाता है | जब कभी उच्च मान की Voltage को मापना होता है तो इसके लिए PT का उपयोग किया जाता है | यह एक प्रकार का वोल्टेज Step Down Transformer होता है
इस Transformer के द्वारा हम 11KV , 22KV जैसी High Voltage वाली Supply को आसानी से 50 से 100 Volt तक Step Down कर सकते है और इसके साथ VoltMeter संयोजित कर मुख्य वोल्टेज का मापन कर सकते है |
एक Potential Transformer में Primary Winding में पतले तार के कई टर्न लगाए जाते है तथा Secondary Winding में मोटे तार का उपयोग किया जाता है तथा बहुत ही कम टर्न लगाये जाते है | जिसके कारण सेकेंडरी में कम वोल्टेज प्राप्त होती है |
Transformer की Secondary में भले ही कम वोल्ट प्राप्त होती हो लेकिन इसके साथ उपयोग किये गये वोल्टमीटर की स्केल इस प्रकार से तैयार की जाती है की वह सर्किट की वास्तविक वोल्टेज ही प्रदर्शित करे |
पोटेंशियल ट्रांसफार्मर का उपयोग पॉवर जनरेशन , डिस्ट्रीब्यूशन तथा उद्योगों में उच्च मान की वोल्टेज का मापन करने के लिए वोल्टमीटर के साथ किया जाता है |
CT और PT दोनों ही ट्रांसफार्मर को उपकरण ट्रांसफार्मर कहा जाता है |
यह भी पढ़िए :-
- आइसोलेटर क्या है इसका उपयोग कहाँ किया जाता है |
- ओसिलेटर किसे कहते है |
- गिलहरी पिंजरा मोटर क्या है
- थ्री फेज रेक्टिफायर कैसे बनाये |
- DOL स्टार्टर क्या है |
- सोडियम वेपर लैंप क्या है |
Conclusion :-
तो इस आर्टिकल में आपने जाना Current Transforemer and Potential Transformer के बारे में | उम्मीद करते है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा कृपया इसे अपने साथियों के साथ जरुर शेयर करे | और हमारे नये आर्टिकल की अपडेट पाने के लिए हमे सोशल मीडिया पर ज्वाइन करे |
Mujhe bahut aacha laga l am very interested